BNS Section 105 in Hindi


बीएनएस धारा 105 क्या है और यह कब लागू होती है - 

भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 में गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide) के अपराध को परिभाषित किया गया है। इसमें कहा गया है जो कोई भी किसी व्यक्ति की गैर इरादतन हत्या करता है। जो हत्या (Murder) के अपराध से अलग होती है, तो ऐसे अपराध को करने वाले व्यक्ति पर बीएनएस की धारा 105 के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। आइये गैर इरादतन हत्या को आसान भाषा में विस्तार से समझते है।

जब भी कोई व्यक्ति कोई ऐसा कार्य करता है, जिसको करते समय उसे पता होता है कि उसके किए गए कार्य के द्वारा किसी व्यक्ति की जान जा सकती है, तो वह गैर इरादतन हत्या का अपराध कहलाता है। लेकिन यह हत्या के अपराध की धारा से अलग होता है, क्योंकि हत्या के अपराध में आरोपी का किसी व्यक्ति को जान से मारने का पहले से ही इरादा (Intention) होता है।

उदाहरण:- जैसे कोई व्यक्ति लापरवाही से गाड़ी चलाता है और लापरवाही के कारण ही उसकी गाड़ी किसी को टक्कर मार देती है। जिसके बाद आरोपी व्यक्ति को पता होता है कि अब उस व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है या हो जाती है। तो वह गैर-इरादतन हत्या कहलाती है।


गैर इरादतन हत्या व हत्या में क्या अंतर है?

अकसर लोग गैर इरादतन हत्या (Culpable Homicide) व हत्त्या के बारे में जानकारी ना होने के कारण विचलित हो जाते है। इसलिए इस लेख में आगे की और बढ़ने से पहले आपका इन दोनों के बीच के अंतर को जानना बहुत ही जरुरी है।

  • गैर इरादतन हत्या :- गैर इरादतन हत्या भी किसी व्यक्ति की जान लेने से ही संबंधित होती है। लेकिन यह हत्या के अपराध से अलग इसलिए होती है क्योंकि इसमें जानबूझकर (Intentionally) किसी व्यक्ति की हत्या करने का पहले से ही कोई इरादा नहीं होता है। इसमें कोई व्यक्ति अचानक ऐसा कार्य कर देता है। जिसको किए जाने के बाद उसे पता चल जाता है, कि जो उसने किया है उससे सामने वाले व्यक्ति की मौत होने की पुरी संभावना है।
  • हत्या:- हत्या के अपराध में आरोपी व्यक्ति (Accused Person) का पहले से ही किसी व्यक्ति को जानबूझकर मारने का इरादा होता है। जिसमें वो व्यक्ति पहले स पुरी योजना बनाकर आता है और किसी व्यक्ति को जान से मार देता है।

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