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भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 मे सजा

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भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 कुछ लोगों द्वारा समाज में महिलाओं के सम्मान को हमेशा से शारीरिक और मानसिक रुप से चोट पहुंचाने का प्रयास किया जाता हैं। हमारे देश में महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ के मामलों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी होती जा रही है, जिसके कारण समाज में महिलाओं को तरह-तरह के उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। इसी कारण महिलाओं के सम्मान की रक्षा करने व ऐसे अपराध करने वाले लोगों को सख्त से सख्त सजा देने के लिए समय-समय पर कानूनों में बदलाव देखने को मिलते है। आज के इस लेख में हम आपको हाल ही में लागू हुए नए कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS) की एक महत्वपूर्ण धारा के बारे में बताएंगे की बीएनएस की धारा 74 क्या है (BNS Section 74 in Hindi), यह धारा कब लगती है? BNS 74 में सजा और जमानत (Bail) का क्या प्रावधान है? बीएनएस धारा 74 क्या है कब लगती है – BNS Section 74 in Hindi भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 के प्रावधान अनुसार बताया गया है कि "जो कोई भी व्यक्ति किसी महिला का अपमान करने के इरादे से उस पर हमला करता (Attack the woman With the intent to insult) है या किसी भी महिला पर आपराधि...

डिजिटल अरेस्ट क्या है Digital Arrest:

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  डिजिटल अरेस्ट क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है? Digital Arrest:  डिजिटल अरेस्ट कैसे किया जाता है? पार्सल, गिफ्ट और वॉट्सएप कॉल पर असली सा दिखने वाला अधिकारी; क्‍या है पूरा खेल? What is Digital Arrest साइबर अपराधी नए-नए तरीके से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। साइबर ठग लोगों को डिजिटल अरेस्ट स्कैम में फंसा कर उनको डराते-धमकाते हैं। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग ड्रग्स व अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हैं।  उनकी मोटी कमाई लूट लेते हैं। डिजिटल अरेस्ट स्कैम क्या है इस साइबर धोखाधड़ी से कैसे सुरक्षित रहें यहां पढ़िए...  डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली। देश भर में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन दिनों साइबर ठग धोखाधड़ी के लिए डिजिटल अरेस्ट स्‍कैम कर रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट के जरिये करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं। डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाओं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चिंता जता चुके हैं। साथ ही इस तरह के स्कैम से सतर्क रहने के लिए देशवासियों को आगाह किया। क्‍या आप जानते हैं कि डिजिटल अरेस्ट क्या है? डिजिटल अरेस्ट की पहचान कैसे करें और इससे बचने के लिए...

पोक्सो केस मे सपोर्ट पर्सन

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  पोक्सो केस से पीड़ित व्यक्ति के लिए कानूनी प्रणाली सुगम बनाने हेतु सपोर्ट पर्सन का है प्रावधान एडीएम की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा पात्र पाए गए आवेदकों का किया जा चुका है साक्षात्कार शीघ्र सपोर्ट पर्सन का इम्पैनलमेंट तैयार किया जाएगा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार जिला अंतर्गत पोक्सो अधिनियम की धारा 39 के तहत पोक्सो केस से पीड़ित व्यक्ति के लिए कानूनी प्रणाली सुगम बनाने हेतु सपोर्ट पर्सन का प्रावधान है। सपोर्ट पर्सन से तात्पर्य है पोक्सो अधिनियम के तहत हर पीड़ित व्यक्ति के लिए सपोर्ट पर्सन नियुक्त किए जाने का प्रावधान है जिसके तहत सपोर्ट पर्सन का प्रमुख दायित्व पीड़ित बालक अथवा बालिका की गोपनीयता बनाए रखकर उनके लिए कानूनी प्रक्रिया सुगम बनाना है। न्यायालय में सुनवाई के दौरान सपोर्ट पर्सन की उपस्थिति में ही पीड़ित व्यक्ति से पूछताछ की जा सकेगी और सपोर्ट पर्सन का यह दायित्व होगा कि वह पीड़ित व्यक्ति को संचालित शासन के विभिन्न योजनाओं से सलग्न कर उसकी आवश्यकता अनुसार सहयोग प्रदान करें एवं योजनाओं के तहत संलग्न कर उसको लाभान्वित करने की कार्रवाई करें।  बाल संरक्षण अधिकारी...