सूचना का अधिकार 2005 शुल्क

 



आज की इस पोस्ट में आपको सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत कराते है। यह जानकारी आम आदमी के लिये बहुत ही महत्वपूर्ण है। जिससे व्यक्ति अपने अधिकार समझ सकता है।


सूचना के अधिकार के लिये निर्धारित शुल्क


1. सूचना के अधिकार आवेदन ग्राह् किये जाने से पूर्व निर्धारित शुल्क लिया जाना आवश्यक है।

2. यदि लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार का आवेदन खारिज किया जाता है, तो आवेदन के साथ संलग्न शुल्क विधि अनुसार वापस किया जाना आवश्यक नही है।

3 एक आवेदन के साथ कितनी भी जानकारी चाही गई हो परन्तु शुल्क 10/- रूपये ही निर्धारित रहेगा।

4. सूचना के अधिकार आवेदन के लिये न्यायालय शुल्क के स्टाम्प मान्य नही है।

5. सूचना के अधिकार के लिये शुल्क नगद, बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा किया जा सकता है। लेकिन वह डाक खर्च के लिये मान्य नही होगा, डाक खर्च का शुल्क आवेदक को अलग से प्रदाय करना होगा।

6. कंपनी अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी निर्धारित शुल्क जमा कर पंजि का निरीक्षण करने हेतु स्वतंत्र है।

7. अपीलार्थी द्वारा अपील के प्रक्रम पर नई जानकारी चाही जाने पर उसके द्वारा नवीन आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाएगा और निर्धारित 10/- रूपये का शुल्क जमा करना अनिवार्य होगा।

8. सूचना के अधिकार के अधिनियम के तहत शुल्क का जो प्रावधान किया गया है वह कागज के आकार से है, उसका सूचना से कोई संबंध नही है। 

सूचना प्राप्त किये जाने हेतु शुल्क का प्रावधान किया गया है और यह चेक द्वारा दिये जाने योग्य नही है।

10. सूचना देने हेतु शुल्क, नगद, बैक ड्ाफ्ट या आई.पी.ओ. द्वारा जमा कराया जा सकता है।

11. यदि आवेदक प्रथम अपील करता है तो सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत कोई शुल्क नही लिया जावेगा।

12. सूचना के अधिकार के तहत जानकारी चाहने वाला व्यक्ति यदि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहा है तो उससे कोई शुल्क नही लिया जावेगा।


शास्ति एवं अधिरोपण


1. यदि लोक सूचना अधिकारी भ्रामक जानकारी देता है या उसका जानकारी देने का दुराश्य होता है तो उस पर शास्ति अधिरोपित की जा सकती है जो मासिक किश्तो से बसूल की जा सकती है।

2 सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत आयोग के आदेशो का अनुपालन न किये जाने पर भारतीय दंण्ड संहिता, 1860 की धारा 176,177,186,187 एवं 228 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।


लोक दस्तावेज


1. यदि किसी व्यक्ति को समयपूर्व सेवा निवृत्ति दी जाने के मामले में पक्षपात एवं दुराश्य-युक्त आचरण किया गया है। ऐसे दस्तावेज लोक संव्यवहार के अधीन है और उनकी प्रति प्राप्त की जा सकती है।

2. स्टेनोग्राफर के शार्टहैंड नोटस सूचना के अधिकार के अंतर्गत न तो दिये जा सकते है, केवल सुविधा की लिये शार्टहैंड में नोट्स लेकर उन्है लिपिबद्ध किया जाता है, शार्टहैण्ड के नोट्स कोई अभिलेख नही है।

3. शोध और लोकहित के अध्ययन संबंधी दस्तावेज एवं शोध पत्र लोक दस्तावेज है। इन्है उपलब्ध कराया जा सकता है।

4 पुलिस डायरी के अंतर्गत वे सभी जानकारी उपलब्ध नही कराई जायेंगी, जिसमें प्रतिदिन पुलिस के संबंध , साक्षीगण सूचनादाताओं के नाम पते लिखे होते है।


5. किसी व्यक्ति का चिकित्सा प्रमाण पत्र एवं चरित्र प्रमाण पत्र निजी जानकारी है परन्तु किसी शासकीय पद पर नियुक्त होने के प्रस्तुत किये जाने पर वह सार्वजनिक किया जा सकता है।

आगे की पोस्ट में सूचना के अधिकार अधिनियम-2005 से सम्बंधित कई महत्वपूर्ण जानकारी से आपको अवगत करायेगे ।


धन्यवाद


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