धारा 365 366 367 क्या है

  


भारतीय दण्ड संहिता की धारा 365 का अपराध

आज आपको धारा 365 366 367 के बारे में बताएगे। कभी - कभी बहुत से माता-पिता की शिकायत आती हैं कि उनकी लड़की को, दामाद ने जबरदस्ती मायके से ले गया परन्तु दामाद उसकी पत्नी को, पत्नी के सुसराल न ले जाकर कही और छिपा कर रखे और लड़की को उनके माता-पिता से न मिलने दे तो क्या दामाद पर लड़की के माता-पिता धारा 365 के अंतर्गत मामला दर्ज कर सकते हैं? जानिए

धारा 365 क्या है?

अगर कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति  का बलपूर्वक अपहरण या व्यपहरण करके व्यक्ति को किसी गुप्त स्थान पर छिपा कर रखता है तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 365 के अंतर्गत दोषी होगा। अब आप समझ गए होगे धारा 365 क्या है। भारतीय दण्ड संहिता  की धारा 365 के अंतर्गत दण्ड 

    इस धारा के अपराध किसी भी तरह से समझौता योग्य नहीं होते है।यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। धारा 365 के विचारण का अधिकार पहले प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट को था बाद में सरकार ने इसमें संशोधन करके इसके विचारण का अधिकार सत्र न्यायाधीश को दे दिया गया है। 

सजा- उपयुक्त अपराध के लिए 7 वर्ष की कारवास एवं जुर्माने से दण्डित किया जा सकता है।

व्यपहरण पर कानून

(धारा  365, 366, 367, 369 ) व्यपहरण: किसी बालिग व्यक्ति को जोर जबरदस्ती से या बहला फुसला कर किसी कारण से कहीं ले जाया जाए तो यह व्यपहरण का अपराध है। यह कारण निम्नलिखित हो सकते है। जैसे:- फिरौती की रकम के लिए, उसे गलत तरीके से कैद रखने के लिए, उसे गंभीर चोट पहुँचाने के लिए, उसे गुलाम बनाने के लिए इत्यादि। 

 धारा 366 भारतीय दंड संहिता

धारा के अन्तर्गत विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को अपहृत करना या उत्प्रेरक करने के बारे में बताया गया है। इसमें बताया गया है कि जो कोई किसी स्त्री का अपहरण या व्यपहरण उसकी इच्छा के विरुध्द किसी व्यक्ति से विवाह करने के लिए उस स्त्री को विवश करने के आशय से या यह विवश की जायेगी, यह सम्भाव्य जानते हुए अथवा आयुक्त सम्भोग करने के लिए उस स्त्री को विवश, यह विलुब्ध करने के लिए, यह सम्भाव्य जाने हुए करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिनकी अवधि दस वर्ष तक से भी दण्डनीय होगी । 

धारा 367 -::  जो व्यक्ति किसी व्यक्ति का अपहरण करता है या  जिस पर किसी भी व्यक्ति को गंभीर चोट, या गुलामी, या किसी व्यक्ति की अप्राकृतिक वासना के अधीन करने हेतु बंधक banya जाता है  

जो व्यक्ति धारा 367 का अपराध करता है तो, दस साल तक का कारावास हो सकता है, और जुर्माना के लिए भी उत्तरदायी होगा ।

 धारा 369 :--   कोई व्यक्ति  चोरी करने के इरादे से दस साल से कम उम्र के बच्चे का अपहरण करता है

दस वर्ष से कम आयु के किसी भी बच्चे का अपहरण करने के इरादे से, ऐसे बच्चे के व्यक्ति से कोई भी चल-अचल संपत्ति लेने के इरादे से, उसे ऐसे किसी भी विवरण के कारावास से दंडित किया जाएगा जो सात वर्ष तक का हो सकता है और वह भी होगा। ठीक करने के लिए उत्तरदायी ।

धारा 370

जो भी किसी व्यक्ति के गुलाम के रूप में किसी भी व्यक्ति को आयात, निर्यात, हटाता, खरीदता या बेचता है, या अपनी इच्छा के विरुद्ध किसी भी व्यक्ति को गुलाम के रूप में स्वीकार करता है या स्वीकार करता है, उसे या तो विवरण के कारावास से दंडित किया जाएगा जो सात तक बढ़ सकता है। साल, और भी ठीक करने के लिए उत्तरदायी होगा ।

धारा 371

जो कोई भी गुलामों में आदतन आयात करता है, निर्यात करता है, खरीदता है, बेचता है, तस्करी करता है या उसका सौदा करता है, उसे आजीवन कारावास या दस साल से अधिक की अवधि के लिए या तो विवरण के कारावास के साथ दंडित नहीं किया जाएगा, और जुर्माना भी देय होगा

आप अपनी राय जरूर दे आपको ये जानकारी कैसी लगी। 

best motorcycle accident lawyer 

Mr Akhilesh Singh ,

Mr Saurabh Tomar , dehli high court 

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
kisi vyakti ke aprhan me kitne log aropi ban sakte hai
बेनामी ने कहा…
nice blog good legal information
बेनामी ने कहा…
Kya car ka bima jaroori hai
Advocate Narender Singh ने कहा…
Hey thanks for this information. Advocate Narender Singh is Practicing in Supreme Court of India, High court of Delhi and Delhi district courts from 8 years.I am dedicated towards the litigants with results oriented approach.We are a group of highly qualified Indian advocates, Indian attorneys and Indian legal advisers for all kinds of legal services. We have an in-house team of lawyers providing seamless legal services in all the fields of law under one roof at all levels with a wide network. We provide solutions to all multi-jurisdictional legal problems through our highly qualified and experienced team. We have best lawyer for supreme court of India who have lots of experience.


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

महिलाओ का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीडन(निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013

साइबर सुरक्षा के उपाय

भारतीय न्याय संहिता की धारा 125 मे सजा और जमानत