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सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

धारा 365 366 367 क्या है

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   भारतीय दण्ड संहिता की धारा 365 का अपराध आज आपको धारा 365 366 367 के बारे में बताएगे। कभी - कभी बहुत से माता-पिता की शिकायत आती हैं कि उनकी लड़की को, दामाद ने जबरदस्ती मायके से ले गया परन्तु दामाद उसकी पत्नी को, पत्नी के सुसराल न ले जाकर कही और छिपा कर रखे और लड़की को उनके माता-पिता से न मिलने दे तो क्या दामाद पर लड़की के माता-पिता धारा 365 के अंतर्गत मामला दर्ज कर सकते हैं? जानिए धारा 365 क्या है? अगर कोई भी व्यक्ति किसी व्यक्ति  का बलपूर्वक अपहरण या व्यपहरण करके व्यक्ति को किसी गुप्त स्थान पर छिपा कर रखता है तब ऐसा करने वाला व्यक्ति धारा 365 के अंतर्गत दोषी होगा। अब आप समझ गए होगे धारा 365 क्या है।  भारतीय दण्ड संहिता  की धारा 365 के अंतर्गत दण्ड      इस धारा के अपराध किसी भी तरह से समझौता योग्य नहीं होते है।यह अपराध संज्ञेय एवं अजमानतीय अपराध होते हैं। धारा 365 के विचारण का अधिकार पहले प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट को था बाद में सरकार ने इसमें संशोधन करके इसके विचारण का अधिकार सत्र न्यायाधीश को दे दिया गया है।  सजा- उपयुक्त अपराध के लिए 7 वर...

कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है |

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  कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम क्यों खिलाते थे, रामायण पर क्यों नहीं है | भगवान श्रीराम ने जीवन में कभी झूठ का सहारा नहीं लिया। उनका जीवन एक आदर्श जीवन था जबकि भगवान श्री कृष्ण ने युद्ध में विजय के लिए ' पूर्व से स्थापित आदर्श' का अनिवार्य पालन नहीं किया बल्कि विजय की प्राप्ति के लिए पूर्व निर्धारित आदर्शों का उल्लंघन किया। फिर क्या कारण है कि कोर्ट में गीता पर हाथ रखकर कसम खिलाते थे रामायण पर नहीं। भारत में गीता पर हाथ रखकर कसम खाने की परंपरा कब शुरू हुई         प्रख्यात पत्रकार श्री हेमंत सिंह की एक स्टडी के अनुसार भारत में मुगल शासकों ने धार्मिक किताबों पर हाथ रखकर शपथ लेने की प्रथा शुरू की थी। क्योंकि मुगल शासक अपने लाभ के लिए झूठ बोलते थे, छल-कपट करते थे, इसलिए भारत के नागरिकों के वचन पर विश्वास नहीं करते थे लेकिन वह इस बात पर विश्वास करते थे कि भारत के नागरिक अपने धर्म ग्रंथ पर हाथ रखकर यदि शपथ उठा ले तो फिर झूठ नहीं बोलते। शायद उन्हें भारत में सत्य वचन के लिए 'गंगाजल' परंपरा का ज्ञान था।  कोर्ट में धार्मिक पुस्तक पर हाथ रख कर शपथ लेने का...

हत्या के लिए किडनैपिंग का केस किस धारा में दर्ज होगा

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       हत्या के लिए किडनैपिंग का केस किस धारा के तहत दर्ज किया जाएगा किडनैपिंग कई प्रकार की होती है। किसी व्यक्ति को कुछ देर तक निष्क्रिय करने के लिए। फिरौती या फिर किसी अन्य उद्देश्य की पूर्ति के लिए और हत्या करने के लिए। भारतीय दंड संहिता में धाराओं का निर्धारण अपराध के उद्देश्य पर निर्भर करता है। इसलिए किडनैपिंग की धाराओं का निर्धारण भी उसके उद्देश्य पर किया जाता है। आज हम आईपीसी से पूछते हैं कि यदि कोई व्यक्ति किसी की हत्या करने के उद्देश्य से उसे किडनैप कर लेता है तो उसके खिलाफ किस धारा के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। साथ ही यदि वह अपरहण करने के बाद हत्या करने में सफल हो जाता है तो उसके खिलाफ अपहरण की धारा लगेगी या सिर्फ हत्या का केस दर्ज होगा। भारतीय दण्ड संहिता,1860 की धारा 364 के तहत अगर किसी व्यक्ति का अपहरण या व्यपहरण करने का उद्देश्य हत्या करना मात्र है तो वह व्यक्ति धारा 364 के अंतर्गत दोषी होगा। 2. अगर आरोपी हत्या कर देता है तो धारा 302 (हत्या) के अपराध के साथ 364 के अपराध का भी दोषी होगा धारा  के अंतर्गत दण्ड का प्रावधान:- इस धारा के ...