पासपोर्ट मंत्रालय के अनुसार पासपोर्ट बनवाने के संशोधित नियम

पासपोर्ट मंत्रालय के अनुसार पासपोर्ट बनवाने के संशोधित नियम


                भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया को आसान करने के लिए शुक्रवार को कई नए नियम जारी किए हैं.
अब साधु-संन्यासी, विवाह के बाहर पैदा हुए बच्चे और सिंगल पेरेंट्स के बच्चों, अनाथ बच्चों का पासपोर्ट भी आसानी से बन सकेगा.
साथ ही माता-पिता दोनों का नाम पासपोर्ट आवेदन के लिए देना अनिवार्य नहीं होगा.
क्या बदला?
1. पहले 26/01/1989 के बाद जन्मे लोगों को अलग से जन्म प्रमाण पत्र देना होता था. अब जन्मतिथि के लिए स्कूल की टीसी, पैन कार्ड पर लिखित जन्मतिथि, आधार कार्ड पर लिखी जन्मतिथि, ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, बीमा पॉलिसी भी मान्य होंगे.
2. अब पासपोर्ट के आवेदन में माता-पिता में से किसी भी एक का नाम या क़ानूनी अभिभावक का नाम देना ही अनिवार्य होगा. इससे अब सिंगल पेरेंट भी अपने बच्चों के लिए पासपोर्ट का आवेदन आसानी से कर सकेंगे. आवेदनकर्ता की मांग पर अब पासपोर्ट पर माता-पिता में से किसी एक का ही नाम प्रकाशित किया जा सकेगा.
3. शादीशुदा लोगों को अब शादी प्रमाण पत्र या Annexure 'K' देने की ज़रूरत नहीं है.
4. अनाथ बच्चे जिनके पास जन्म प्रमाण पत्र या जन्मतिथि वाली मार्कशीट नहीं है वो अपने अनाथालय या संस्थान के लैटर पैड पर संस्थान प्रमुख के हस्ताक्षर के साथ जन्मतिथि दे सकते हैं.

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6. सरकारी कर्मचारी जो पहचान पत्र या अपने संस्थान से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं ले पा रहे हैं वो आपात स्थिति में पासपोर्ट लेने के लिए स्वघोषित Annexure-'N' जमा करा सकते हैं. उन्हें ये घोषित करना होगा कि वो अपने संस्थान को पासपोर्ट आवेदन की जानकारी दे चुके हैं.
7. साधु-संन्यासी अब अपने गुरू का नाम अभिभावक के रूप में देकर पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए उनके पास ऐसा कोई प्रमाण पत्र होना आवश्यक है जिसमें उनके अभिभावक के रूप में आध्यात्मिक गुरू का नाम हो.
भारत सरकार इन बदलावों को लागू करने के लिए जल्द ही अधिसूचना जारी करेगी. साथ ही इन बदलावों की सूचना सभी पासपोर्ट कार्यालयों को दे दी गई है.

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